ग्राम पंचायत सचिव के समर्थन में गरियाबंद की तीन पंचायतें लामबंद, कलेक्ट्रेट पहुंचकर सौंपा ज्ञापन — ‘सचिव को हटाया तो सड़कों पर उतरेंगे ग्रामीण’

गरियाबंद :- जिले की तीन ग्राम पंचायतों, कुल्हाड़ीघाट, अमाड़ और तौरेंगा, के सैकड़ों ग्रामीणों ने मंगलवार को जिला मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टर बी. एस. उइके को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने पंचायत सचिव प्रेम ध्रुव को वर्तमान पद पर यथावत बनाए रखने की मांग की है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि उनके सचिव के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई की गई तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।

 

जनता खुश, नेता नाराज!

 

ग्रामीणों का आरोप है कि एक स्थानीय कांग्रेस नेता द्वारा भाजपा के बड़े नेता के लेटर पैड का दुरुपयोग करते हुए सचिव प्रेम ध्रुव के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराई गई है और उन्हें जिले से बाहर ट्रांसफर करने का दबाव बनाया जा रहा है। जबकि तीनों पंचायतों की जनता का कहना है कि सचिव का कार्य अत्यंत सराहनीय है और उन्होंने अब तक शासन की सभी योजनाओं का लाभ पूरी पारदर्शिता के साथ लोगों तक पहुँचाया है।

 

12 वर्षों की निष्ठा और उपलब्धियों से भरपूर सेवाकाल

 

ग्राम पंचायत कुल्हाड़ीघाट के सरपंच एवं विशेष पिछड़ी जनजाति कमार समाज के वरिष्ठ नेता बंसींग सोरी ने बताया कि प्रेम ध्रुव बीते 12 वर्षों से पंचायत सचिव के रूप में कार्यरत हैं और उन्होंने सदैव निष्ठा व पारदर्शिता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन किया है। उन्होंने बताया कि सचिव की बदौलत ही प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 250 कमार परिवारों के आवास निर्माण का कार्य पूर्णता की ओर है – यह अपने आप में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।

 

स्वच्छता मिशन में राज्य स्तर पर सम्मान

 

ग्राम पंचायत तौरेंगा के पूर्व उपसरपंच केशरी कश्यप ने जानकारी दी कि सचिव प्रेम ध्रुव की मेहनत और लगन के चलते पंचायत को स्वच्छ भारत मिशन के तहत जनपद स्तर पर दूसरा और जिला स्तर पर तीसरा स्थान प्राप्त हुआ, जिसके लिए मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित भी किया गया। उन्होंने कहा कि सचिव की सेवाएं बीते 15 वर्षों से पूरी तरह निष्कलंक रही हैं और उनके खिलाफ आज तक कोई भी शिकायत नहीं आई।

 

‘बाहरी नेताओं की साजिश’, जनता ने जताई आपत्ति

 

ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि यह पूरा प्रकरण किसी “बाहरी नेता की व्यक्तिगत नाराजगी” का परिणाम लगता है। पंचायत स्तर पर सचिव के खिलाफ कोई असंतोष नहीं है, फिर भी बाहर के नेता पंचायत के कार्य में हस्तक्षेप कर रहे हैं, जो लोकतांत्रिक मर्यादाओं के खिलाफ है।

 

‘सचिव नहीं हटेंगे, नहीं तो आंदोलन होगा’

 

तीनों पंचायतों – कुल्हाड़ीघाट, अमाड़ और तौरेंगा – की जनता ने यह स्पष्ट किया कि वे अपने सचिव के समर्थन में किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। यदि झूठी शिकायत के आधार पर सचिव को हटाया गया तो वे कलेक्ट्रेट से लेकर सड़क तक संघर्ष करेंगे।

 

 

 

यह मामला अब सिर्फ एक व्यक्ति की नियुक्ति नहीं बल्कि ग्रामीणों की लोकतांत्रिक भावना, उनके अधिकार और स्वाभिमान से जुड़ गया है। सवाल यह है कि क्या एक ईमानदार अधिकारी की निष्ठा पर राजनीति भारी पड़ेगी, या फिर जनता की आवाज को प्राथमिकता दी जाएगी?

 

 

 

इस मौके पर कमार नेता व ग्राम पंचायत कुल्हाड़ीघाट सरपंच बनसिंग सोरी, ग्राम पंचायत तौरेंगा के पूर्व उपसरपंच केशरी कश्यप,ग्राम पंचायत अमांड सरपंच सोहद्र नेताम, धनसाय सोरी, कुंदन सिँह, शिव कमार, निलकुमार, पिलसाय, रामदयाल, उमराव देवसिँह, राम लाल, महेन्द्र, सेवती, तीजन बाई यादव गांधारी, चंद्रकला, बुधिया बाई, कार्तिक नायक, जयंती बाई, फागुराम, धन्वंती, चिंताराम, डोमनसिँह, भजन लाल, सुकारों बाई, सेवती सुमेश्वर सिँह, आसमोतिन बाई, लखिराम मूंगाबाई सहित बड़ी संख्या मे तीनो पंचायत के ग्रामीण उपस्थित थे!

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