छत्तीसगढ़ मे समर्थन मूल्य पर धान खरीदी तारीख तय होने के पहले उड़ीसा का धाम छत्तीसगढ़ मे हो रहा है डंप

देवभोग,अमलीपदर, झाखरपारा, उरमाल, तेतलखुटी सहित उड़ीसा सीमा से लगे क्षेत्रो मे रसूखदार लोग कर रहे है धान डंप

मेट्रो न्यूज़ :- अनीश सोलंकी


गरियाबंद :- छत्तीसगढ़ मे समर्थन मूल्य पर धान खरीदी कि तारीख तय नहीं हुई है लेकिन अभी से ही छत्तीसगढ़ सहित उड़ीसा के रसूखदार तस्करो ने धान का खेला शुरू कर दिया है छत्तीसगढ़ मे समर्थन मूल्य मे धान खरीदी का समय नजदीक आते ही तस्कर अभी से ही धान कि तस्करी को अंजाम देने मे लग गये है अभी तस्करो को धान तस्करी मे कोई रोक टोक नहीं होने से रात दिन ओड़िसा का धान आसानी से छत्तीसगढ़ पहुंचा रहे है सरकार द्वारा समर्थन मूल्य मे धान खरीदी के समय ओड़िशा से लगे छत्तीसगढ़ सीमा पर प्रशासन द्वारा बेरीकेट्स जांच नाका बनाकर ओड़िशा से छत्तीसगढ़ मे आने वाले धान कि तस्करी को रोकती है जिसके चलते तस्करो को धान खरीदी के समय मे ओड़िसा का धान छत्तीसगढ़ तक पहुंचाने भारी मशक्कत करना पड़ता है, इस बार तस्करो ने धान खरीदी व प्रशासन के अलर्ट होने के पहले ही ओड़िसा के धान को छत्तीसगढ़ मे खपाने लग गये है ओडिसा सीमा से लगे बिरिघाट
पानीगांव घाट,अनकाबेड़ा घाट
सेनमुडा घाट,उरमाल नया पुल,
धुर्वापारा,धौराकोटकोट
बंधियामाल,उरमाल, तेतलखुटी के ग्रामीणों के घरो मे धान कि खेप पहुंचाने कि जानकारी सूत्रों से मिल रही है गरियाबंद जिले मे ही समर्थन मूल्य मे धान खरीदी के समय मे करोड़ो के धान खेल होता है छत्तीसगढ़ प्रान्त से लगे ओड़िसा सीमा पर बैठे कई रसूखदार लोग धान कि तस्करी को अंजाम देने मे लग गये है जिसे रोकने के लिये कोई फिलहाल शासन प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है जिसका फायदा क्षेत्र के कई रसूखदार उठा रहे है, दरअसल उड़ीसा मे छत्तीसगढ़ के पहले ही धान कि पैदावार हो जाता है ओड़िसा मे जल का स्रोत अधिक होने के चलते रवि फ़सल और खरीफ फ़सल का धान ज्यादा होता है ओड़िशा मे अधिक धान होने के चलते ओड़िसा के किसान अपने धान को औने पौने रेट मे बेच देते है जिसे ओड़िसा के तस्कर छत्तीसगढ़ सीमा पर बैठे छत्तीसगढ़ के धन्नासेठे को बेच देते है जिसे छत्तीसगढ़ के रसूखदार व्यापारियों द्वारा 2500 रूपये के दर से किसानो को बेच देते है जिसे छत्तीसगढ़ के किसान समर्थन मूल्य पर बेचते है जिससे सरकार को करोड़ो रूपये का नुकसान होता है सूत्रों का दावा है कि धान तस्करी मे मोटा फायदा के चलते व्यापरियो के साथ अमलीपदर क्षेत्र के एक शिक्षाकर्मी भी धान के इस खेल मे माहिर है अभी चार दिन पहले ही उस शिक्षकर्मी के घर 407 वाहन मे धान का खेप उतरने कि सुचना मिली है,

गिरदावरी के समय होता है खेल

देवभोग अमलीपदर क्षेत्र मे ज्यादातर मक्का का फ़सल लगाया जाता है किसानो द्वारा मक्का को व्यापारियो को नगद मे बेचकर, व्यापारियो से धान खरीद कर सरकार को समर्थन मूल्य पर बेचने पर डबल कमाई होती है

मंडी विभाग के कार्यप्रनाली पर भी सवालिया निशान ?

क्षेत्र मे मंडी विभाग के कर्मचारी है लेकिन मंडी विभाग के अधिकारी सब जानते हुए भी कोई कार्यवाही नहीं होना विभाग के कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान पैदा करता है ?

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