खुले मे शौच मुक्त बनाने लाखों खर्च, पर दो साल बाद भी अधूरे पड़े है सार्वजनिक शौचालय

छुरा :- केंद्र और राज्य सरकार प्रदेश को खुले मे शौचमुक्त बनाने पानी कि तरह पैसा बहा रहे है तो जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधि सरकार कि इस महत्वाकांक्षी योजना को मिट्टीपलेत करने मे कोई कसर नहीं छोड़ रहे है, छुरा विकासखंड मे सार्वजनिक उपयोग के लिये लाखों रूपये खर्च कर बनाये गये 84 शौचालय उपयोग के पहले ही खंडहर मे तब्दील हो रहा है लेकिन विकासखंड के जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधि मुकदर्शक बनकर तमाशा देख रहे है, दरअसल सरकार ने खुले मे शौच को रोकने हर गांव मे 3,50,000 तीन लाख पचास हजार रूपये के लागत से सार्वजनिक शौचालय निर्माण कि स्वीकृति दी थी इस योजना के तहत छुरा विकासखंड के 74 ग्राम पंचायत मे 84 सार्वजनिक शौचालय कि स्वीकृति मिली थी लेकिन स्वीकृति के दो साल बाद भी सार्वजनिक शौचालय अधूरा है जबकि ग्राम पंचायत सरपंच सचिव द्वारा इन शौचालय को पूर्ण बताकर पूरी राशि आहरण कर ली गईं है कुछ शौचालय पूर्ण हो चुकी है लेकिन उन पूर्ण शौचालयों मे ताले लगे रहने के कारण आम जनता को जनता कि सुविधा के लिये बनाये गये शौचालयों का उपयोग का लाभ नहीं मिल पा रहा है ब्लाक के ग्राम पंचायतो के अधिकतर सार्वजनिक शौचालय अधूरा पड़ा है किसी शौचालय मे टाइल्स का काम अधूरा है तो किसी शौचालय मे पानी कि व्यवस्था नहीं है तो किसी शौचालय मे रंगरोगन का काम नहीं हुआ है फिर भी सरपंच सचिव द्वारा इंजिनियर और जनपद के अधिकारियो से मिलीभगत कर अपूर्ण शौचालय को पूर्ण बताकर राशि आहरण कर ली गईं है जिसको लेकर ग्रामीणों मे जिम्मेदारो के प्रति आक्रोश व्याप्त है, वही अब पंचायत चुनाव को कुछ ही माह बचे है और जो निर्माण कार्य 2 वर्ष मे पूर्ण नहीं हो पाया है वह माह दो माह मे पूर्ण हो पाना अपने आप मे सवाल खड़ा करता है!
अधूरे निर्माण को पूर्ण बताकर राशि आहरण
अधूरे निर्माण को पूर्ण बता राशि निकाल ली गईं है पंचायत चुनाव कुछ माह ही शेष है जनवरी के आसपास पंचायत चुनाव होना है और चुनाव के बाद नई बाड़ी पंचायत मे बैठेगी अधूरे सार्वजनिक शौचालय को नई बाड़ी के लिये पूर्ण कराना किसी चुनौती से कम नहीं होगा,
जिम्मेदार अधिकारियो ने नहीं दिया ध्यान
जिला पंचायत द्वारा सार्वजनिक शौचालय बनवाने के लिये कार्य एजेंसी जनपद पंचायत को बनाया गया था जनपद पंचायत द्वारा निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत को बनाया गया था लेकिन ग्राम पंचायतो के द्वारा दो साल बाद भी सार्वजनिक शौचालय को पूर्ण नहीं किया गया है और कुछ शौचालय पूर्ण हो चुके है लेकिन उन शौचालयों मे जिम्मेदारो ने ताला लगा रखा है जिसके कारण इस योजना का लाभ आम जनता को नहीं मिल पा रहा है लेकिन जनपद पंचायत मे बैठे अफसरो को शासन कि महती योजना के संचालन मे कोई रूचि नहीं है जिसके चलते ब्लाक के अधिकतर शौचालय निर्माण पुरे होने के पहले ही खंडहर मे तब्दील होने लगा है!
क्या कहते है अधिकारी
इस संबंध मे उनका पक्ष जानने ज़ब हमारे संवाददाता ने जनपद पंचायत छुरा के मुख्यकार्यपालन अधिकारी रूपकुमार ध्रुव को फोन लगाने पर उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया!