छुट्टी वाली मैडम से परेशान पालको ने प्राथमिक शाला राजपुर में जड़ा ताला, बच्चों की पढ़ाई पर संकट
छुरा। छुरा विकासखंड के ग्राम पंचायत शीवनी के आश्रित ग्राम राजपुर प्राथमिक शाला में तैनात शिक्षिका की लापरवाही से त्रस्त पालकों ने आखिरकार स्कूल में ताला जड़कर शिक्षा विभाग की कार्यशैली के खिलाफ अपना गुस्सा जताया।
पालकों का आरोप है कि विभाग की लापरवाही से बच्चों का भविष्य अंधकार की ओर बढ़ रहा है। 34 बच्चों वाली इस शाला में दो शिक्षक पदस्थ हैं, लेकिन शिक्षिका अनसुईया चंद्रा महीनों से छुट्टियों पर रहने के कारण स्कूल लगभग “एक शिक्षकीय” होकर रह गया है। प्रधानपाठक भी मीटिंग और ट्रेनिंग में व्यस्त रहते हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से ठप हो गई है।
पालकों की गंभीर चिंता
पालकों ने बताया कि शिक्षिका के नदारद रहने से बच्चों की सुरक्षा पर भी संकट है। स्कूल में बाउंड्रीवाल नहीं है और 100 मीटर की दूरी पर तालाब स्थित है। शिक्षक मौजूद न रहने पर बच्चे स्कूल में दिनभर खेलते रहते हैं, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
शिक्षिका की गैरहाजिरी का रिकॉर्ड
शिक्षिका अनसुईया चंद्रा ने 05 जून 2025 को शाला में ज्वाइन किया।
07 जुलाई से 22 जुलाई तक मेडिकल अवकाश पर रहीं।
23 जुलाई को ड्यूटी ज्वाइन करनी थी लेकिन स्कूल नहीं आईं।
07 अगस्त को सीधे बी.ई.ओ. कार्यालय में ज्वाइनिंग ले ली, पर स्कूल पहुँचना जरूरी नहीं समझा।
यहाँ तक कि 15 अगस्त जैसे राष्ट्रीय पर्व पर भी स्कूल में अनुपस्थित रहीं।
बी.ई.ओ. का गैरजिम्मेदाराना जवाब
पालकों का कहना है कि उन्होंने 5 अगस्त को शिक्षिका की शिकायत विकासखंड शिक्षा अधिकारी से की थी। लेकिन अधिकारी का जवाब हैरान करने वाला था। बी.ई.ओ. ने कहा –
“मेरे पास अतिरिक्त शिक्षक नहीं है, आप लोग शिक्षा मंत्री तक भी चले जाएँ तो भी कुछ नहीं होगा।”
पालकों का ऐलान
बी.ई.ओ. की लापरवाही और शिक्षिका की लगातार अनुपस्थिति से क्षुब्ध पालकों ने कहा कि अब उनके पास स्कूल में तालाबंदी के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
पालकों की मांग है कि छुट्टी वाली मैडम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो और बच्चों की पढ़ाई नियमित कराने के लिए स्थायी समाधान निकाला जाए।