सुशासन तिहार के बहाने शासन प्रशासन पीट रहे है विकास की ढ़ोल, इधर जिला पंचायत सदस्यों ने खोला मोर्चा कहा यहा दिया तले अंधेरा वाली कहावत गांव से गुजरा बिजली का तार पर नहीं मिली रौशनी
मैनपुर :- एक तरफ शासन प्रशासन प्रदेश मे विकास की गति को लेकर जमकर ढ़ोल पीट रहे है तो वही गरियाबंद जिले के मैनपुर अमलीपदर क्षेत्र के दो जिला पंचायत सदस्यों ने सरकार के विकास को कागजो तक ही सिमित बता भूख हड़ताल का रुख अख्तियार कर लिया है,
मैनपुर अनुविभागीय कार्यालय के सामने जिला पंचायत सदस्य लोकेश्वरी नेताम और संजय नेताम ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए बुधवार को मैनपुर मुख्यालय मे अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय के सामने भूख हड़ताल बैठ गये है क्षेत्रीय समस्या को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे जिला पंचायत सदस्यों के समर्थन मे क्षेत्रवासियो का भरपूर समर्थन मिला क्षेत्र के लोगो ने घरना स्थल पहुंच कर भूख हड़ताल पर बैठे नेताओं का समर्थन किया,
वही मामले की जानकारी मिलते ही अनुविभागीय अधिकारी मैनपुर पंकज डाहरे, व अनुविभागीय अधिकारी पुलिस विकास पाटले ने भूख हड़ताल पर बैठे जिला पंचायत सदस्यों से बात चित कर भूख हड़ताल को समाप्त करने की बहुत कोशिस की मगर नेताओं ने कहा की ज़ब तक क्षेत्र की समस्या का हल नहीं हो जाता वे भूख हड़ताल बंद नहीं करेंगे!
नेताओं ने कहा सरकार से कागजो मे ही विकास का घोड़ा दौड़ा रहा है जबकि जमीनी हकीकत मे बिंद्रानवागढ क्षेत्र की जनता को आजादी के 77 साल बाद भी पुल पुलिया,अस्पताल, सड़क, बिजली शिक्षा, पेयजल सहित अन्य जरूरी बुनियादी सुविधाओं की उपेक्षा झेलना पढ़ रहा है क्षेत्र के आदिवासी संगठन बुनियादी सुविधा के लिये लम्बे समय से लगातार आंदोलन कर रहे है लेकिन अब तक सरकार की तरफ से सिर्फ कोरा आश्वासन ही मिलता आ रहा है और समस्या जस की तस बनी हुई है शोभा क्षेत्र के कई ग्राम के लोग आज भी इस आधुनिक युग मे अंधकारमय जिंदगी गुज़ार रहे है पुल पुलिया के आभाव मे हर साल बारिश के महीने मे आवागमन बाधित रहता है!
*जिला पंचायत सदस्य लोकेश्वरी नेताम ने कहा दिया तले अंधेरा वाली कहावत सहीगांव से होकर गुजरा है बिजली के तार पर गांवमे रौशनी नहीं*
जिला पंचायत सदस्य लोकेश्वरी नेताम ने कहा कि मेरे निर्वाचित क्षेत्र बूढ़गेलटप्पा गांव से होकर 132 केवी बिजली का तार गुजरा है, लेकिन गांव में बिजली नहीं पहुंची है। जुगाड़ थाने के कैंप में बिजली है पर गांव में नहीं है। गोना क्षेत्र के 10 से ज्यादा गांव ऐसे हैं जहां विधानसभा चुनाव के समय बिजली खंभा उतारा गया। बताया गया कि अब बिजली लगाए जा रहे, लेकिन दर्जनों गांव में अब भी अंधेरा है। मूलभूत समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों की तकलीफ ग्रामीण और उनके संपर्क में रहने वाले हम लोग समझ सकते हैं। अब कोई छलावा नहीं सहेंगे। जब तक काम धरातल में नहीं दिखेगा भूख हड़ताल जारी रहेगा।
*जिला पंचायत सदस्य संजय नेताम ने कहा क्षेत्रीय समस्याओ को लेकर लम्बे समय से कर रहे है आंदोलन लेकिन सरकार से मिला सिर्फ आश्वासन*
जिला पंचायत सदस्य संजय नेताम ने कहा कि जो कार्यवाही सूची प्रशासन दिखा रही है वो बहुत पुरानी है। जिस स्थिति में आदेश निर्देश और टेंडर की प्रकिया हुई थी, आज भी वही है। क्षेत्र में पुल-पुलिया के अभाव में बारिश के सीजन में 50 से 60 गांव के ग्रामीणों का जीना दूभर हो जाता है। स्कूल और आश्रम भवन जर्जर पड़े हैं। मांग और फिर आश्वासन यह लंबे समय से चला आ रहा। जमीनी स्तर पर काम नहीं दिख रहा। प्रशासन अब अब केवल काम होता दिखाएगा तब जाकर भूख हड़ताल खत्म करेंगे।