कलेक्टर कार्यालय के नाक के नीचे, सरकारी जमीन की खरीद फरोख्त धड़ल्ले से जारी स्थानीय लोग दे रहे है अवैध कार्य को अंजाम क्या समाचार प्रकाशन के बाद टूटेगी राजस्व विभाग की नींद 

 

गरियाबंद :- पंचायत क्षेत्र की शासकीय भूमि पर धड़ल्ले से अतिक्रमण कर अवैध निर्माण कार्य किया जा रहा है। मामला संयुक्त जिला कार्यालय से लगी ग्राम पंचायत डोंगरीगांव का है, जिसके आश्रीत ग्राम दर्रापार केशोडार का है।

मिली जानकारी के अनुसार यहां सरकारी जमीन के बेचने खरीदने का मामला पहले भी उजागर हुआ था, उस समय के पंचायत प्रतिनिधि का नाम सामने आया था। अब भी कुछ स्थानीय निवासी आपसी गठजोड़ बनाकर
जमीन की खरीद फरोख्त में लगे हैं, जिसकी वजह से यहाँ अतिक्रमण की बाढ़ आ गई है।

पंचायत प्रतिनिधियों ओर प्रशासन की लापरवाही के साथ ही राजस्व विभाग की निष्क्रियता की वजह से अतिक्रमित शासकीय भूमि पर धड़ल्ले से निर्माण किया जा रहा है।

कब्जा करवाओ , फिर बेच दो

मिली जानकारी के अनुसार कुछ स्थानीय निवासी , गांव के ही आर्थिक कमजोर तबके को हौसला देकर खाली पड़ी शासकीय भूमि पर कब्जा करवाते हैं, फिर बाहरी खरीदारों को विश्वास में लेकर, खुद को पंचायत प्रतिनिधि या ग्राम समिति सदस्य बताया जाता है, और कब्जे वाली भूमि का सौदा कर दिया जाता है। 50 – 100 रु के स्टाम्प पेपर पर कब्जाधारी के नाम लेनदेन व लिखापढ़ी होती है। बीच में सक्रिय दलाल, जिनमें एक दो महिला का नाम सामने आता है, गवाही की भूमिका में मलाई खा जाते हैं। कब्जाधारी को दो चार महीने के कब्जे के बदले दो – चार हजार थमा दिया जाता है। पूरे खेल में पंचायत और राजस्व अमले की मिली भगत का भी अंदेशा है। चार दिन पहले अवैध निर्माण में पंचायत की एनओसी से बिजली कनेक्शन लग जाता है ?

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के बाद ग्राम दर्रापारा में कुछ दिनों पूर्व राजस्व विभाग एवं वन विभाग द्वारा कागजी खानापूर्ति की गई है। जबकि शासकीय भूमि पर अतिक्रमण और अवैध निर्माण आज भी जारी है।

मुख्य खबरें