किसान कि शिकायत पर रिश्वतखोर प्रबंधक निलंबित कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने कि त्वरित कार्यवाही,
छुरा :-जिले के पिपरछेड़ी कला धान उपार्जन केंद्र में रिश्वतखोरी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। किसान उमेश कुमार वर्मा की शिकायत पर जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए समिति प्रबंधक को निलंबित कर दिया है। इस घटना ने सरकारी धान खरीदी व्यवस्था में पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कैसे हुआ रिश्वत का खुलासा?
ग्राम पिपरछेड़ी निवासी किसान उमेश वर्मा ने बताया कि वह सुबह 8 बजे उपार्जन केंद्र पहुंचे। वहां प्रबंधक पुराणिक निर्मलकर ने उनके धान को 17.5% नमी वाला बताते हुए अस्वीकार कर दिया। बार-बार विनती करने पर भी प्रबंधक ने धान को सुखाने की सलाह दी और पंचनामा तैयार कर दिया।
इसके बाद प्रबंधक ने धान खरीदी के लिए “चाय-पानी” के नाम पर 2,200 रुपये की मांग की। किसान द्वारा पैसे देने में असमर्थता जताने पर अंततः 2,000 रुपये रिश्वत लेकर धान खरीदी प्रक्रिया पूरी की गई।
कलेक्टर की फुर्तीली कार्रवाई
किसान की शिकायत जिला प्रशासन तक पहुंचते ही कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लिया। जांच में प्रबंधक पुराणिक निर्मलकर को दोषी पाया गया। आदिम जाति सेवा सहकारी समिति के प्राधिकृत अधिकारी ने तत्काल निलंबन का आदेश जारी किया।
निलंबन का असर और आदेश
निलंबन आदेश में प्रबंधक को जीवन निर्वहन भत्ता दिया जाएगा और मुख्यालय पिपरछेड़ी कला समिति ही रहेगा। कलेक्टर ने यह भी सुनिश्चित किया कि जिले के अन्य उपार्जन केंद्रों पर भी निगरानी बढ़ाई जाएगी।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश
प्रशासन की इस कार्रवाई ने जिले में धान खरीदी व्यवस्था के प्रति एक कड़ा संदेश दिया है। कलेक्टर ने सभी उपार्जन केंद्रों को निर्देश दिया है कि किसानों को कोई परेशानी न हो और भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जाए।
किसानों की प्रतिक्रिया
किसानों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है। उमेश वर्मा ने कहा, “प्रशासन ने हमारी शिकायत सुनी और तुरंत कार्रवाई की। इससे हमें न्याय मिला।” अन्य किसानों का भी कहना है कि इस घटना से भ्रष्टाचारियों में डर पैदा होगा और व्यवस्था में सुधार आएगा।
(धान खरीदी में पारदर्शिता और किसानों की मदद के लिए प्रशासन की यह पहल सराहनीय है। अन्य अपडेट के लिए जुड़े रहें।)