युक्तियुक्तकरण मे डी. ई.ओ.गरियाबंद,बी. ई.ओ.छुरा की चल रही है मनमर्जी
नियम कानून को ताक मे रखकर अपने चहेतो को दे रहे है लाभ
छुरा:- छुरा विकासखंड मे युक्तियुक्त करण के नाम से नियम कायदे को दर किनार कर विकासखंड शिक्षा अधिकारी द्वारा अपने मनमर्जी से चहेतो का लाभ देने का मामला सामने आया है अब अपने उपर हो रहे अन्याय को लेकर शिक्षक मुखर होकर बी. ई. ओ छुरा के खिलाफ मुखर होकर शिकायत करने लगे है छुरा विकासखंड के शा. प्रा. शाला टिकरा पारा रानीपरतेवा व शा. प्रा. शा. सतनामी पारा की दूरी नियमानुसार लगभग 1 किलो मीटर है। टीकरा पारा का दर्ज संख्या 25 है, उसके बाद भी नियम विरुद्ध युक्ति युक्त करण के तहत दोनों शालाओ को बिना स्थल परीक्षण किये मर्ज कर शा. प्रा. शाला सतनामी पारा मे मनमर्जी ढंग से मर्ज कर दिया गया, जबकि प्रा.शा. टिकरा पारा के छोटे बच्चों को मेन रोड से रोज पार होने पर जान जोखिम के डर के साथ स्कूल जाना पड़ेगा सड़क पर भारी वाहन का आवा जाहि हमेशा रहता है और छोटे छोटे बच्चो को सड़क पार कर स्कुल पहुंचना पड़ेगा जिससे अक्सर दुर्घटना की आसंका बनी रहेगी युक्ति युक्त करण पर स्कुल को मर्ज किये जाने पर और अपनों बच्चो के साथ हमेशा दुर्घटना की आशंका बने रहने के कारण पालकों एवं ग्रामीणों मे भारी रोष व्याप्त है बच्चो और पालको की इस समस्या को शासन प्रशासन को अवगत कराया गया है अब देखना यह है की क्या शासन प्रशासन द्वारा गैरकानूनी और मनमाने ढंग से अधिकारी द्वारा किये गये कार्य के बदले उन्हें जवाब तलब कर उनके उपर कार्यवाही की जायेगी या फिर कोई बड़ी दुर्घटना का इंतजार करेगी छुरा ब्लाक शिक्षा अधिकारी के एल मतावले द्वारा लगातार नियम विरुद्ध कार्य कर ब्लाक के शिक्षकों के साथ अन्याय का शिलशीला क्या चलता रहेगा या फिर उन्हें उनके द्वारा किये गये अनैतिक नियम विरुद्ध कार्य करने पर उन्हें दंड मिलेगा छुरा ब्लाक शिक्षा अधिकारी द्वारा अपनी मनमानी करते हुए शा प्रा शाला सतनामी पारा के प्रधान पाठक श्रीमती राधिका साहू शाला मे कार्य भार् दिनाक 20/02/2023 है जो वरिस्ट् है वही श्रीमती कुंज दीवान शाला मे कार्य भार दिनाक 21.02.2023 के आधार पर कनिस्ट् है जिसे वि.ख.शिक्षा अधिकारी छुरा द्वारा श्रीमती राधिका साहू को जबरदस्ती बिना काउंसलिंग आदेश निर्देश के उसे शा.प्रा.शाला भैरा एकतरफा कार्यमुक्त करने का आदेश थमाया गया वही श्रीमती कुंज दीवान द्वारा काउंसलिंग मे भाग लिया जिसे विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा नियमानुसार कनिष्ठ माना गया श्रीमती कुंज दीवान काउंसलिंग मे भाग लिया जिसे शा.प्रा.शाला भैरा जाने के लिए चयन किया अब सोचनीय बात यह है की अगर काउंसलिंग श्रीमती कुंज दीवान को कराया गया तो आदेश दूसरे प्रधान पाठक श्रीमती राधिका साहू को मनमाने ढंग से एकतरफा कार्यमुक्त क्यों किया गया यह आदेश काउंसलिंग का खुला उल्लंघन है। राधिका साहू न ही अतिशेष शिक्षिका है और न ही काउंसलिंग सूची मे उनका नाम है और न ही उन्हें आदेश प्राप्त हुआ है विकासखंड शिक्षा अधिकारी द्वारा नियम विरुद्ध आदेश से राधिका साहू को मानसिक क्षति पहुंची है , राधिका साहू द्वारा इस मामले की शिकायत करते हुए गरियाबंद कलेक्टर के साथ डी.ई.ओ. बी.ई.ओ. को साक्ष्य दिखाया तब कलेक्टर महोदय व जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा विकासखंड शिक्षा अधिकारी छुरा को कहा गया की जो विधालय मांगी है वहाँ भेजा जाये लेकिन उसके बाद भी बी ई ओ छुरा द्वारा अपने उच्च अधिकारियो के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है राधिका साहू ने बताया की सोमवार को राधिका साहू ने समिति के पास अपनी बात रखी तब अपर कलेक्टर द्वारा बी. ई. ओ. को को इस संबंध मे जानकारी मांगा तब बी. ई. ओ. ने अपने आपको पाक साफ बताते हुए इसे जांच उपरांत नियम के तहत बताया लेकिन ज़ब सभी दस्तावेज के जांच के बाद सभी दस्तखत को मिलाया तब बी. ई. ओ. की गलती उजागर हुई तब बी. ई. ओ. ने आदेश को लिपकीय त्रुटि बताते हुए पल्ला झाड़ने की कोशिश की जिसके बाद अपर कलेक्टर द्वारा शिक्षिका राधिका साहू को आश्वास्त करते हुए कहा की आपका काम हो जायेगा लेकिन 12 घंटे बाद भी इस मामले मे कोई रिजल्ट नहीं आना इस बात को दर्शाती है की ब्लाक शिक्षा अधिकारी को प्रशासन से कोई डर नहीं छुरा ब्लाक मे ऐसे कई मामले है पोड सहित कई स्कूलों के शिक्षक इसी मामले को लेकर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंच कर शिकायत कर रहे है लेकिन विकासखंड शिक्षा अधिकारी मतावले द्वारा उच्च अधिकारियो की बातो का अवहेलना कर अपनी मनमर्जी से कुछ भी आदेश निकाल कर शिक्षकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है शिक्षकों का आरोप है की पूरी काउंसलिंग प्रक्रिया बिना जांच परिक्षण के नियम विरुद्ध किया गया है जिस कारण कई जगह विवादास्पद की स्थिति बन गई है काउंसलिंग पश्चात आदेश किसी को और काउंसलिंग किसी और को कर रहे है जो कि गंभीर मामला है सारे मामलो को देखते हुए कलेक्टर महोदय द्वारा छुरा बी. ई. ओ. की शिकायत सचिव शिक्षा विभाग मंत्रालय रायपुर को निलंबन का प्रस्ताव भेजा गया है लेकिन आज पर्यन्त कार्यवाही न होना शासन प्रशासन के प्रति सवाल खड़ी करता है।