छुरा सामुदायिक केंद्र मे जच्चा बच्चा की मौत परिजनों ने लगाया अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप, कहा सही समय मे गर्भवती महिला को मिल जाता इलाज तो नहीं जाती जच्चे बच्चे की जान, महतारी एक्सप्रेस ने भी नहीं उठाया फोन
छुरा :- गरियाबंद जिले के छुरा सामुदायिक केंद्र मे सोमवार को अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है इलाज मे लेट लतिफी के कारण जच्चा बच्चा की मौत हो गई है परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है परिजनों का आरोप है की ज़ब वे गर्भवती महिला को लेकर अस्पताल पहुँचे तो अस्पताल मे कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था आधे घंटे तक गर्भवती महिला दर्द से तड़पती रही परिजन अस्पताल परिसर मे ही डॉक्टर को ढूढ़टे रहे आधे घंटे के बाद डॉक्टर निषाद डिलीवरी रूम पहुँचे और इलाज शुरू किया लेकिन तब तक बहुत लेट हो गया था दर्द से कराह रही गर्भवती महिला ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया साथ ही गर्भ के अंदर बच्चे की भी मौत हो गई सोमवार को खैरझिटी निवासी रामरतन की पत्नि ममता बाई ध्रुव उम्र 28 वर्ष को सुबह 9 बजे पेट मे दर्द उठा परिजनों ने गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिये 102 महतारी एक्सप्रेस पर फोन लगाया लेकिन महतारी एक्सप्रेस वालो ने नहीं उठाया फोन जिसके बाद फिर परिजनों ने 108 पर फोन लगाया तब 108 वाहन भी गर्भवती महिला को लेने 1 घंटे लेट पहुंची जिसके बाद 108 एक्सप्रेस वाहन से महिला को छुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया परिजनों का आरोप है की गर्भवती महिला को अस्पताल लाया गया तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मे कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था गर्भवती महिला तब तक दर्द से कराह रही थी लेकिन उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं था तब तक परिजन डॉक्टर को ढूंढ़ रहे थे आधे घंटे के बाद ड्यूटी मे तैनात डॉक्टर निषाद पहुंच कर गर्भवती महिला का इलाज कर रहे थे तभी गर्भवती महिला ने दम तोड़ दिया साथ ही महिला के गर्भ मे पल रहे बच्चे ने भी दम तोड़ दिया, परिजनों का आरोप है की अगर गर्भवती महिला को सही समय मे उचित इलाज मिल जाता तो शायद जच्चा व बच्चा का जान बच जाता! वही इस मामले मे ड्यूटी मे तैनात डॉक्टर निषाद का कहना है की वे अस्पताल मे ड्यूटी मे तैनात थे और वे ओ. पी. डी. कक्ष मे मरीजों का इलाज कर रहे थे जैसे ही उनको गर्भवती महिला की खबर लगी वे तत्काल डिलीवरी रूम पहुंच कर चेक किया तो महिला की धड़कन थम गई थी महिला और गर्भ मे पल रहे बच्चे की मौत हो गई थी